IAS बनी तपस्या ने 4 महीने में दो बार लॉगइन किया फेसबुक, बताए अपने सफलता के मंत्र
भोपाल। मेरी बस एक ही चाहत है कि खुद को इतना सक्षम बना सकूं कि मुझे देखकर कोई यह न सोचे कि मैं एक लड़की या महिला हूं। मैं चाहती हूं कि समाज में मेरी पहचान एक पूर्ण सक्षम इंसान (कैपेबल पर्सन) के तौर पर बने। जेंडर डिस्क्रीमिनेशन मुझे बर्दाश्त नहीं होता। मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन जो जिम्मेदारी मुझे दी जाएगी, उसे पूरी शिद्दत से निभाने का प्रयास करूंगी। अपने काम और समझ से समाज के लिए कुछ अच्छा कर सकूं, यही मेरी ख्वाइश है। अगर मैं आईएएस न बन पाती तो वकालत करती।
पीएससी में 23वीं रैंक हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए चुनी गईं नरसिंहपुर की तपस्या परिहार ने महज 25 साल की उम्र में दूसरे अटेम्ट में यह सफलता हासिल की है।उनके पिता विश्वास परिहार किसान हैं। सोशल मीडिया के सवाल पर तपस्या कहती हैं कि चार महीने में सिर्फ दो मर्तबा फेसबुक लॉगइन किया है।4 दिसंबर को पापा के साथ फोटो पोस्ट किया था, फिर 22 मार्च को इंटरव्यू के बाद घर पहुंचकर एक फोटो पोस्ट किया। इससे ज्यादा कुछ नहीं।तपस्या ने बताया कि बीए-एलएलबी के बाद 10 महीने दिल्ली में कोचिंग ज्वाइन की, 2015-16 का यूपीएससी अटेम्ट किया, लेकिन प्रीलिम्स में ही फेल हो गई। इसके बाद कोचिंग बंद कर दी।टॉपर्स के इंटरव्यू पढ़े, फिर खुद में कमियों को ढूंढकर उन्हें दूर करने की स्ट्रेटजी बनाई। इस बीच सोशल मीडिया से दूर रही।
पढ़ाई से पहले सिलेबस और वक्त का किया बंटवारा
मैंने कोचिंग बंद करने के बाद सभी 7 विषयों के लिए टाइम का बंटवारा कर लिया। 18 जून को हुई प्रीलिम्स के लिए दिसंबर से पढ़ाई शुरू की।पूरी सिलेबस का इस बीच तीन बार रिवीजन किया। पूरे सिलेबस को 8 विषयों में बांटा और हर विषय को (6 माह) में लगभग बराबर वक्त दिया। मेंस के लिए 4 माह (120 दिन) का वक्त मिला।
12वीं में तय कर लिया था कि आईएएस बनना है
केंद्रीय विद्यालय से पीसीएम विषय के साथ 12वीं पास की। परीक्षा के बाद मैंने घर वालों को साफ कह दिया कि मुझे इंजीनियरिंग नहीं करना है।मैंने कहा कि मुझे आईएएस बनना है। बैकअप प्लान बनाते हुए डिस्कस के बाद तय हुआ कि 12वीं के बाद सीधे लॉ-ऑनर्स किया जाए, ताकि आईएएस में न हो तो वकालत का पेशा अपना लेंगे।
सफलता के मंत्र
सबसे पहले तय किया कि एग्जाम देना है या नहीं। फिर सबकुछ छोड़कर जी-जान से सिर्फ इसी के लिए जुट गई।सिलेबस को ठीक पढ़ा, उसे 100 फीसदी कवर कर पाई।पढ़ाई शुरू करने से परीक्षा के बीच के वक्त और सिलेबस का आकलन किया, सिलेबस को उपलब्ध वक्त के बीच बांटा। और उसी हिसाब से टारगेट सेट कर पढ़ाई की।
बगैर कोचिंग सफलता
पहले अटेम्ट में प्रिलिम्स भी पास नहीं कर पाईं, दूसरी बार खुद की कमियों की लिस्ट बनाकर उन्हें दूर करने की स्ट्रेटजी बनाई, कोचिंग छोड़ी, खुद ही तैयारी की और ले आईं देश में 23वीं रैंक। पॉलिटी, ज्योग्राफी, एनवायरोमेंट, इकोलॉजी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिस्ट्री, आर्ट एंड कल्चर, करेंट अफेयर को 180 दिन में ऐसे किया स्टडी रिवीजन
पहला रिवीजन – 10 दिनदूसरा रिवीजन – 7 दिनतीसरा रिवीजन – 4 दिनपरीक्षा से पहले अंतिम रिवीजन – 2 दिन
upsc topper tapsya parihar interview
Bhopal. My only wish is that I can make myself so capable that nobody sees me seeing that I am a girl or a woman. I want my identity in the society to be a full-fledged person (capable person). Gender discrimination does not tolerate me I do not know what will happen in the future, but I will try to fulfill the responsibility given to him. It is my desire that I can do something good for the society with my work and understanding. If I could not become an IAS then advocated.
Tasksha Parihar of Narsinghpur, who was selected for the Indian Administrative Service by getting 23rd rank in PSC, has achieved this success in second attempts at the age of 25.His father is a faith avoidance farmer. On the question of social media, the penance says that in just four months, only two people have logged in Facebook.On December 4, posted a photo with Papa, then posted a photo after reaching home after the interview on 22 March. Nothing more than this.Tapasya said that after the BA-LLB, 10 months after joining coaching in Delhi, UPSC of 2015-16, but failed in the prelims only. After this, the coaching stopped.
Read the interviews of toppers, then find themselves in the strategy to find and remove the shortcomings. Meanwhile, it is far from the social media. Syllabus and time sharing before studyAfter I stopped coaching, I have divided the time for all 7 topics. Starting from December for the prelims held on 18th June. Regarding the entire syllabus three times in the meantime. Divide the entire syllabus into 8 subjects and give almost every subject (6 months) in almost equal time. I got 4 months (120 days) time for Menus.
Mantra of success
First of all, decide whether to give an exam or not. Then, leaving everything else and gathering for this purpose only.Syllabus could read it properly, covered it 100 percent.Assesses the time between the examinations and syllabus from starting studies, sharing between the time available to Syllabus. And accordingly set the target to study.
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